स्वयं प्रकाश – जीवन परिचय, रचनाएँ, भाषा-शैली, साहित्य में स्थान | Swayam Prakash ka jeevan Parichay, Rachnaye, Bhasha-Shaili, Sahitya me sthan

स्वयं प्रकाश – जीवन परिचय, रचनाएँ, भाषा-शैली, साहित्य में स्थान | Swayam Prakash, Rachnaye, Bhasha-Shaili, Sahitya me sthan

इसमें केवल 4 बिंदु लिखे –

जन्मतिथि………… पिता का नाम………….. शिक्षा-दीक्षा…………..मृत्यु…………….

स्वयं प्रकाश एक प्रसिद्ध भारतीय लेखक और कवि हैं। वे हिंदी साहित्य में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए हैं। स्वयं प्रकाश का जन्म 1947 में मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के एक गाँव में हुआ था। पिता का नाम सरस्वती देवी था। उन्होंने अपनी शिक्षा इंदौर जिले के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से की। इनकी मृत्यु 7 दिसंबर 2019 में हुई।   

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स्वयं प्रकाश ने अपनी रचनाओं के लिए सरल, सहज एवं भावानुकूल भाषा को अपनाया है। उन्होंने लोक-प्रचलित खड़ी बोली में अपनी रचनाएँ की। तत्सम, तद्भव, देशज, उर्दू, फारसी, अंग्रेजी के शब्दों की बहुलता से प्रयोग है।

स्वयं प्रकाश जी की शैली आकर्षक है। इसमें मार्मिकता है। उनकी रचनाओं में चार प्रकार की शैलियाँ उपलब्ध होती है। वे इस प्रकार हैं- वर्णनात्मक, व्यंग्यात्मक, भावात्मक तथा विवेचनात्मक।

हिन्दी साहित्य जगत में इनको बहुत सारे पुरुस्कार से नवाज़ा गया हैं। इनका स्थान हमेशा साहित्य जगत में सर्वोपरि रहा हैं।

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