माध्यमिक शिक्षा मंडल ने पाँच साल बाद बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना को समाप्त कर दिया हैं। अब वर्ष 2024 से नौवीं और दसवी में सामान्य गणित व उच्च गणित का विकल्प रहेगा। नौवीं दसवी में सतत व्यापक मूल्यांकन की प्रक्रिया लागू रहेगी। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने (24/08/2023) को आदेश जारी कर दिया है।
क्या हैं ? बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना
इसमें परीक्षार्थी सभी छह विषय की परीक्षा में शामिल होंगे लेकिन सर्वाधिक पांच अंक वाले विषय के नंबर जोड़कर रिजल्ट तैयार किए जाते हैं। जबकि सबसे कम अंक आने वाले विषय को रिजल्ट में शामिल नहीं किया जाता। यह योजना बच्चो के लिए रामबाण साबित हुआ और रिजल्ट में इजाफ़ा देखने को मिला।
बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना क्यों लगा गया था ?
दरअसल माध्यमिक शिक्षा मंडल कक्षा दसवी वर्ष 2017 के परीक्षा में आधे से अधिक बच्चे फेल हो गये थे। इस संकट से उभारने के लिए बेस्ट ऑफ़ फाइव जैसे पद्वति को लाया गया था। बेस्ट ऑफ फाइव लागू होने के बाद दसवीं के वर्ष 2018 के रिजल्ट में काफी सुधार आया और यह लगातार एक वरदान के रूप में साबित होते रहा।
बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना बंद क्यों किया गया ?
सभी सरकारी स्कूल के शिक्षक और अधिकारी का कहना है कि विद्यार्थी अंग्रेज़ी, गणित व विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों को पढ़ना बंद कर दिया। और लगातार इन विषयों में इनके रुचि में कमी देखने को मिलती है इसलिए इस योजना को 24/08/2023 अधिकारी के बैठक में योजना को बंद करने का निर्णय लिया गया।
बेस्ट ऑफ़ फाइव के स्थान में नया योजना शुरू
बेस्ट ऑफ़ फाइव योजना बंद करने के बाद अब कक्षा दसवीं और नौवीं के लिए सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रक्रिया लागू की जाएगी एवं शैक्षिक सत्र वर्ष 2024-25 में गणित के लिए दो विकल्प उपलब्ध कराये जाएंगे। सामान्य गणित व उच्च गणित बच्चे किसी एक विषय का चयन कर अपने पढ़ाई को आसान बनाएंगे।
दसवी में वर्ष 2023-24 बेस्ट ऑफ़ फाइव का रिजल्ट
वर्ष 2023 में दसवीं की अंग्रेजी में 33 फीसदी यानी 2,66,000 विद्यार्थी फेल हुए थे जबकि गणित में 27 फ़ीसदी यानी 2,17,000 व विज्ञान में 28 फीसदी यानी 2,28,000 विद्यार्थी फेल हुए थे। माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं के परिणाम वर्ष 2023 में बेस्ट ऑफ फाइव से दसवीं की गणित व अंग्रेजी में 3.15 लाख विद्यार्थी फेल हुए थे।
वर्ष 2022 के दसवीं परिणाम में बेस्ट ऑफ फाइव के कारण दसवीं की गणित में करीब 4 लाख व अंग्रेजी में 3 लाख विद्यार्थी फेल हुए। वर्ष 2021 में गणित में 8 लाख 9 हजार 477 विद्यार्थी शामिल हुए जिनका प्रतिशत 63.07 रहा व अंग्रेजी में 7 लाख 20 हज़ार 458 विद्यार्थी शामिल हुए विज्ञान विषय में 8 लाख 8 हज़ार 861 विद्यार्थी शामिल हुए इसमें करीब दो लाख विद्यार्थी फेल हुए थे।