यशपाल का जीवन परिचय, रचनाएँ, भाषा-शैली, साहित्य में स्थान | Yashpal ka Jivan parichay, Rachnaye, Bhasa Shaili, Sahitya me Sthan

यशपाल का जीवन परिचय, रचनाएँ, भाषा-शैली, साहित्य में स्थान | Yashpal ka Jivan parichay, Rachnaye, Bhasa Shaili, Sahitya me Sthan

जीवन परिचय – इसमें केवल 4 बिंदु लिखे –

जन्मतिथि………… पिता का नाम………….. शिक्षा-दीक्षा…………..मृत्यु…………….

हिंदी साहित्य के यशस्वी कथाकार यशपाल जी का जन्म 1903 ई० में फिरोजपुर छावनी (पंजाब) में हुआ था। इनके पिता का नाम हीरालाल था, इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गुरुकुल-कांगड़ी में हुई।इनका देहावसान 26 दिसम्बर, 1976 ई० को हुआ।

    TRICK :  झूठ हिंसा ज्ञान का पर्दा 

झूठ – झूठ सच                          

हिंसा – हिंसा अवलोकन                       

ज्ञान – ज्ञान दान                        

पर्दा – पर्दा

यशपाल जी खड़ीबोली के प्रसिद्ध लेखक हैं। उन्होंने व्यावहारिक भाषा का प्रयोग किया है। वे आवश्यकता पड़ने पर तद्भव, तत्सम, देशज और विदेशी भाषा का प्रयोग करते हैं। उनकी भाषा में सरलता, सरसता और मधुरता दिखाई देती है।

इनकी शैली की भाषा सरल, सरस एवं मधुर थी। लेखक घटना और वातावरण को व्यक्त करने के लिए आसान शैली का प्रयोग किया ।लेखक ने ऐसे शैली का प्रयोग व्यंग्य और प्रभावशाली तरीके से अपनी रचनाओं में किया है।

हिन्दी साहित्य जगत में इनको बहुत सारे पुरुस्कार से नवाज़ा गया हैं। इनका स्थान हमेशा साहित्य जगत में सर्वोपरी रहा हैं।

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